Tuesday, May 25, 2010

Well, the best thing about this is.... I have written this!!

ज़िंदगी को जीते जीते, कुछ ऐसे आगे बढ़ गये,
मूड क्रर् जो देखा, तो अपने ही खो गये

सागर मे बहते बहते कुछ ऐसे कश्ती खो गयी
किनारा जो देखा तो हैरा से हो गये

कांटो की हमको अब कुछ ऐसी आदत हो गयी
फूलो को देखा तो नाराज़ हो गये

ज़िंदगी को जीते जीते कुछ ऐसे आगे बढ़ गये
मूड क्रर् जो देखा तो मंज़र ही गुम गये

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